I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Thursday, 15 June 2017
गरमी ही गरमी
परशुराम भये अस लागैं रवि
क्रोध की सीमा न देखाइ रही है।
महि आज तवा सगरी लागति
जनु चूल्हे पै नियति जराइ रही है।
सृष्टि विकल तड़पति सगरी
घन राशि कतहुं न देखाइ रही है।
अब दिवस गरम है आगी सों
घर-बाहर सब सुलगाइ रही है।
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