राम नाम पुकारिए,हो कर मस्त मलंग।
अवगुन चाहे कोई भी,करे कभी न तंग।।
राम नाम महामंत्र है,महिमा बड़ी अनंत।
कामी-क्रोधी जो जपें,हो जाएं सब संत।।
राम नाम की महिमा,गाते सब सद्ग्रंथ।
राम-दीप जो उर जले,भटके कभी न पंथ।।
राम नाम ले जिह्वा,जब नौका बन तैराए।
सतत जाप चप्पू चले,भवसागर पार लगाए।।
राम नाम के दो अक्षर,सहज सुलभ सब कोए।
कामधेनु बन पूर्ण करें,जो कोई इच्छा होए।।
राम नाम जब लौ लगे,तृष्णा जाए भाग।
रंग उड़े फिर मस्ती का,लगे न कोई दाग।।
नलिन @तारकेश
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