महिला-दिवस 8मार्च पर:
^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^
रिश्तो के गुलों को गूँथने का शऊर* है उसके पास।*सलीका
जाहिल को आलिम बनाने का हुनर है उसके पास।। खैरख्वाह है सबकी फिर अजीज या कि वो गैर हो।
परवरिश की बड़ी अलहदा धरोहर है उसके पास।।
आंचल में संजोई छांव सुकून भरी बस बांटने को।
फकत खुद की चुनी रेतीली दोपहर है उसके पास।।
हर घड़ी,हर सांस बस फिक्रमंद है सबके लिए।
ये जाने खुदा ही कैसा कलेवर* है उसके पास।।*देह
कहे बगैर कुछ भी तकलीफ जानती है तेरी,मेरी,सबकी।
कहा सच ही "उस्ताद" कयामत की नजर है उसके पास।।
नलिन "उस्ताद "
No comments:
Post a Comment