गरल - पान कर भी जीना है हमको।
सुधा - पान कर भी मरना है हमको।।
जीवन सूत्र सत्य जब अंतिम करतलगत है। फिर कैसा भय और कैसी शंका है हमको।।
सांस-सांस आए चाहे विषम घड़ी जितनी। आस-आस को नित सुलगाना है हमको।।
आओ करें मनसे दो-दो हाथ आपाधापी से। जीवन फिर भला कहो कहां मिलना है हमको।।
मस्त रहो नित अधरों पर खिलता रहे
"नलिन"।
जब तक हरि की छांह तले रहना है हमको।।
@नलिन #तारकेश
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