जज्बात के सुर्ख चटक रंगों से यार संग आशियाना बना लिया।
यकीन मुझ को कतई ना हो रहा अब तलक कि तूने अपना बना लिया।।
ये चांद,तारे,फूल,झरने कायनात के देखो सभी तो।
देख सच्चा प्यार हमारा सबने यहीं डेरा बना लिया।।
महावर लगे पांव जब घुंघरू संग छन-छन बज डोलते।
सारी दुनिया से अलग हमने एक जहान नया बना लिया।।
रूहानी नशा है सो अब खुद का भी होश कहां रहा।
यूं है ये उसकी इनायत जो मुझे अपना बना लिया।।
सुबह"भैरवी"तो दिन सजा"सारंग"से,शाम "यमन"फिर रात"ललित"राग हुए।
जिंदगी को अपनी"उस्ताद"हमने सुरों का नया घराना बना लिया।।
@नलिन #उस्ताद
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