तेरा जब कभी भी नाम लेता हूँ।
खुद पर बड़ा एहसान करता हूँ।।
हैं हर जगह तेरे चाहने वाले तो बहुत।
जान कर भी मगर अनजान रहता हूं।।
प्यार मोहब्बत इश्क यह सब नाम तेरे हैं।
भला कहाँ ये बात कभी भूल सकता हूँ।।
खुश्बू फिजाओं में बस सूंघकर मैं तेरी।
दिले तसल्ली आखिर पा ही जाता हूँ।।
तू मिले या न मिले पाए उस्ताद मुझे कभी।
दिन-रात हर घड़ी बस ख्वाब तेरे ही देखता हूँ।।
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