Wednesday 13 August 2014

ग़ज़ल-87 जब से प्यार







जब से प्यार उसका दिल में बसने लगा।
सारी दुनिया की नज़रों में रहने लगा।।

हर तरफ अब तो है बस तू ही तू।                    असर प्यार का खूब दिखने लगा।।

जाने कितने जन्मों के ख्वाब हकीकत हुए।
साथ मुझे मिला तेरा तो मैं चहकने लगा।।

प्यार का बसंत खिलता है अब अंग-अंग।
काँटों का साथ भी फूलों सा लगने लगा।।

बन्दे बसाते हैं प्यार की जो अलग दुनिया।
"उस्ताद" रंग में है उनके अब रंगने लगा।।

@नलिन #उस्ताद 

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