Friday 13 January 2023

मकर संक्रांत की बधाई

मकर में बढ़े जो सूर्यनारायण,उत्तरायण की पगडण्डियाँ। चारों दिशा उड़े देखो,कितना उल्लास-रस,मोरी मईय्या।। 

बिहू,पोंगल,घुघुती त्योहार या हो चाहे लोहड़ी की ता-ता थैय्या। 
तिल,गुड़ की मिठास तो लेती जोर चटखारे जुबान मोरे भैय्या।।

अवध में रघुनंदन जी उड़ावें पतंग,मां सीता दे रहीं छोड़िय्या।
वहीं बरसाने राधा ने काट दी पतंग,रह गई ताकते कन्हैया।। 

मधुमास की आहट सुन,प्रेमी जन झूमते,ले हाथों में बईयां।।
"नलिन" उर-सरोवर,खिले अकूत,मगन हो गा रहे सब गवैया।।

नलिनतारकेश

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