खुदा का शुक्र देख ली जन्नत मरने से पहले। अरमान हुए पूरे दिल के सब मरने से पहले।।
उसको चाहा तो बहुत था मगर रहा वो बेवफा।
सो चाहत यही ना मिलूॅ उससे मरने से पहले।।
गंगा जमुना में बह गया पानी तबसे न जाने कितना।
उसे याद आई तो बस कुछ देर मेरे मरने से पहले।।
दोस्ती,नफरत,चाहत,प्यार और वायदे दुनिया भर के।
छोड़ मुगलाते सभी जी लो खुली सांस मरने से पहले।।
यूं तो सफ़र में दिखते सभी हैं साथ इस जिंदगी के मेले में।
कुछ निभायेंगे साथ तो कुछ भुला देंगे तुझे मरने से पहले।।
"उस्ताद"हो माना मगर नादान तो ना रहा करो अब।
चलन जमाने का कुछ सीख लो अपने मरने से पहले।।
@नलिन #उस्ताद
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