जब कभी भी नाम हमने ले लिया तेरा।
एक अजब नशा रूह में घोल लिया तेरा।।
बहुत दूर की क्या बात कहूं कल का है वाकया।
खुशबू से मैं आप ही सराबोर हो लिया तेरा।।
आंखों ही आंखों में न जाने कितनी बात हुई। चेहरा प्यार से गजब गुलजार हो गया तेरा।।
कूचा-कूचा गीत गुनगुनाने लगा।
साथ जब से मुझको मिल गया तेरा।।
तूने मुझे चाहा ये है तेरी इनायत।
इस बात का तो मुरीद मैं हो गया तेरा।।
छत पर बरस गया कड़ी धूप में भी बादल। दिल ने जब कभी"उस्ताद"नाम लिया तेरा।।
@नलिन #उस्ताद
No comments:
Post a Comment