बड़े इतमीनान से तुम मारो छूट है पूरी।
हुजूर हैसियत अगर ऊॅची तो छूट है पूरी।।
रोती कराहती जनता पर दो लात और मारो। दबंग हो तो डर कैसा तुम्हें छूट है पूरी।।
जूती पर कानून को नाक रगड़वाओ अपनी। नामी-गिरामी माईबाप को छूट है पूरी।।
आतंकियों को पालिए या कि देश मेरा चूल्हे में झोंकए।
जम्हूरियत है साहिब कुछ भी करें आपको छूट है पूरी।।
उधारी पर कुछ हजारों की भेज दो जेल ता- उम्र सारी।
रसूख हो अगर तो करोड़ों डकारने की छूट है पूरी।।
धेले भर की मेहनत ना कीजिए,सरकार जब साथ है आपके।
लूॅ बलैया कोटे की तेरे,मारिए हक सबका छूट है पूरी।।
जाति मजहब में नफरत के बीज बो बांटते चलिए।
"उस्ताद"बपौती है जब देश तो छूट है पूरी।।
@नलिन #उस्ताद
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