बना बांस की मुरली जो सुर छेड़ दिए हैं तुमने।
फूंक मार कर पोर-पोर सुर छेड़ दिए हैं तुमने।।
नवल बसंत है उर दहलीज हमारे छाई।
भरे प्रेम रसीले जब सुर छेड़ दिए हैं तुमने।।
श्वेत-श्याम से"नलिन" खिल रहे नयन सरोवर में।
राधा मोहन युगल छवि से सुर छेड़ दिए हैं तुमने।।
मोह में तेरे देह बाॅवरी सुध-बुध अपनी भूली।
जो मुझको प्रीत से जकड़े सुर छेड़ दिए हैं तुमने।।
मैं ना भूलूंगा कभी भी तुमको जनम-जनम के फेर में।
ऐसी लगन"उस्ताद"लगा दी जो सुर छेड़ दिए हैं तुमने।।
@नलिन #उस्ताद
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