कभी तो तुम हंस लिया करो।
नैना खिला भी लिया करो।।
दूर की ही सोचती हो हरदम।
पास मैं भी कभी जी लिया करो।।
खुशियां बाहर नहीं भीतर मिलेंगी।
एक बार अच्छे से ढूंढ लिया करो।।
मां-बाप की बात कुछ तो खास है।
उनकी भी सुन कर देख लिया करो।।
पेड़-पौधे,हवा,कायनात सारी।
कुछ धड़कन इनकी भी सुन लिया करो।।
जो आ पहुंचे हो महफ़िल में तो।
थोड़ी-थोड़ी तुम भी लिया करो।।
"उस्ताद" बने बात तभी सब।
चरण-शरण गुरु जब लिया करो।।
@नलिन #उस्ताद
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