"नलिन" नयन श्री राम हैं आपके
बंकिम छवि,लटकत कुंडल रतनारे।
श्री प्रभा रूप मधुर प्रति अंग समाए
चिक्कन कपोल,मधु भीगे ओंठ रसीले।
भक्त हित धनुष-बाण कर में संभाले
ढूंढ-ढूंढ मारते अवगुन सदा सारे।
जग प्रसिद्द पतित उद्धारन विरद आपके
खुशहाल हों जीव सभी ऐसा विचारिये।
भक्ति पाएं आपकी बस यही हमें चाहिए
चरण-शरण नाथ दे हमें आप उबारिए।
No comments:
Post a Comment