"नलिन"नाल जुडी है ब्रह्म से
या कहूँ तो ब्रह्म की नाल से
जुड़ा प्रस्फुटित है "नलिन " ।
तो भला सोचो जरा
"नलिन" क्यों हो मलिन
वह तो सदा निर्मल
विहसता ही रहेगा।
जीवन के सतत प्रवाहमान
बने रहने के लिए
सत्यम,शिवम सुन्दरम की
जाग्रत अनुभूति के लिए।
उसकी सहज मोहक,सरल चितवन
भर देगी हर किसी के अंतर्मन में
एक अद्भुत शान्ति
करुणा,प्रेम,सह्रदयता।
हर घड़ी,हर पल
जीवन की प्रत्येक परिस्थिति में।
No comments:
Post a Comment