दिमागों की बत्ती बुझा कौन चिरागों की बात कर रहा
अज़ब बात है रेत में दरिया बहाने की वो बात कर रहा।
रेत के नीचे तो आग भरा पेट्रोल,डीजल ही बहता रहा
जाने क्यों उससे हलक तर करने की वो बात कर रहा।
#"गौहर" भी कांच के सच्चे से बिकने लगे हैं देखो आज
तभी आदमियत छोड़ हैवानियत की वो बात कर रहा।
अंगुली पकड़ कर चलना जिसे सिखाया बड़े प्यार से
"उस्ताद" बेसाख्ता माँ से आज़ादी की वो बात कर रहा। #"गौहर"=मोती
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