Monday 4 November 2019

दो पुस्तकें संगीत पर

इधर मुझे शास्त्रीय संगीत पर आधारित दो पुस्तकें  पढ़ने का मौका मिला।इसमें एक तो ध्रुपद के प्रख्यात गायक गुंडेचा बंधु के द्वारा शीर्षस्थ संगीतज्ञों  से संवाद पर आधारित है।इस पुस्तक का नाम है "सुनता है गुरु ज्ञानी" इसमें कुल 11 उस्तादों से संवाद है जिनमें उनके गुरु जिया फरीदुद्दीन डागर के साथ ही अन्य चर्चित उस्ताद शामिल हैं।इनमें पंडित भीमसेन जोशी,पंडित जसराज, पंडित हरिप्रसाद,किशोरी अमवकर,अमजद अली खान साहब जैसी संगीत की  दिग्गज  हस्तियां शामिल हैं।क्योंकि यह संवाद स्वयं एक प्रबुद्ध ख्याति प्राप्त गुंडेचा बंधुओं के द्वारा हुआ है तो स्वाभाविक  ही इसमें संगीत की बारीकियों पर गहन विचार-विमर्श और संवाद हुआ है। इस तरह की यह मेरी समझ में पहली और विलक्षण कृति है जिसका संगीत के रसिक लोग अवश्य आनंद उठाना चाहेंगे।दूसरी पुस्तक भी शास्त्रीय संगीत पर आधारित तो है पर इसका आधार फिल्म के गीत-संगीत से जुड़ा है। इसमें उन ढेर सारे गानों की  जानकारी है जो बताती है कि वह संगीत के किन आधारभूत रागों पर पल्लवित पुष्पित हुए हैं।शिवेंद्र कुमार सिंह और गिरिजेश कुमार जो मूलतः पत्रकार हैं उनके द्वारा यह एक रचित रोचक प्रशंसनीय कृति है। "रागगिरी" पुस्तक में संगीत की कुछ बुनियादी बातों को समाहित करते हुए 66 रागों को आधार बना कर ढले लोकप्रिय गीतों का जिक्र है तो वहीं  पुस्तक को अधिक पठनीय बनाने के लिए उस गीत- संगीत ,गायक या अन्य  किस्म के  संबंधित जुड़े किस्से सम्मिलित किये गये  हैं जिससे पुस्तक  की रोचकता में वृद्धि  हुई है।कुल मिलाकर दोनों ही पुस्तकों ने मुझे शास्त्रीय संगीत पर नई जानकारी  दी सो आपसे इन्हें मुखातिब  कर  रहा हूॅ।

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