आईना अपना तोड़ के आना।
जब भी मिलने मुझसे आना।।
झूठ न बोलें मेरी निगाहें।
सोच समझ के तू ये आना।।
अमन चैन से दुनिया को रंगने।
ख्याल तास्सुबी* छोड़ के आना।।*कट्टरता
नामुमकिन सा कोई हर्फ* नहीं है।*शब्द
सो बिछड़े ख्वाब संजोने आना।।
कदम-कदम में जोश भरा हो।
दिल को ये तू समझाते आना।।
"उस्ताद"वही है इस दुनिया का।
उसको करके बस सजदे आना।।
@नलिन#उस्ताद
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