कृष्ण जन्म की बहुत बहुत बधाई
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प्रीत जैसे छलकती है तेरे लिए राधा हृदय में हर घड़ी।
श्याम छलकेगी क्या ये बूंद भर भी हृदय में मेरे कभी।।
जन्म- जन्मों की राह पथरीली सदा से मेरी रही।
घर्षण से नाम की माला जिह्वा चिकनी करेगी कभी।।
सोच में जब पड़ता हूं तेरे तो लगे आंसू की झड़ी।
अब भुला दे तू बनके निष्ठुर तो ये है मर्जी तेरी।।
कृष्ण के रूप में कभी-कभी यूं तो सुनता हूं मैं बंसी तेरी।
लेकिन बता सच क्या होगी प्रत्यक्ष मुलाकात तेरी-मेरी।।
बहुत तू है सताया अब और ना सताना तुझे सौगंध है मेरी।
आ अब शीघ्र आ जा नलिन मुख याचक की झोली है फैली।।
बना ले तू मुझे जी महारास में नित्य तारकेश गोपी।
अनुनय-विनय जो भी समझ ले बस यही है एक मेरी।।
@नलिन#तारकेश
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