तूने जो मुझे बेवजह भुला दिया।
निगाह ने मेरी ही मुझे गिरा दिया।।
न जाने क्या खता हो गई मुझसे।
अंजाना जो मुझे तूने बना दिया।।
थका-मांदा आया है जो मुसाफिर।
बता पानी क्या ठन्डा पिला दिया।।बावफा तू और बेवफा हम हो गए।
तूने चर्चा ये खूब झूठा फैला दिया।।
खैर जो हुआ वो तो हो ही गया।
हमने भी तेरा नाम भुला दिया।।
यूँ भी कहाँ है फुर्सत हमें तो अब।
जब से चेहरा रब ने दिखा दिया।।
प्यार की बरसात बाहर-भीतर हो रही।
उस्ताद कदमों में जो दिल बिछा दिया।।
@नलिन#उस्ताद
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Saturday 10 August 2019
गजल-205
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment