याद में तेरी रोता रहता हूं।
मैं तुझे कहाँ भूल सकता हूं।।
हर जगह तेरी मौजूदगी को।
यूँ तो अक्सर ही देखता हूं।।
प्यार है तेरा सबसे अनमोल।
जान कर भी मैं रूठता हूं।।
मुझसे पहले सहूलियत को मेरी।
बेचैन तुझे तो मैं देखता हूं।।
दर्द का सैलाब तेरी इनायत।
खुश हो के अब मैं पी रहा हूँ।।
कलेजे उसके ठन्ड पड़ी,मुझे गिरा।
देख यही तसल्ली पा सका हूँ।।
"उस्ताद"कहां खुद का वजूद मेरा।
बन अब खुशबू तेरी मैं महकता हूं।।
@नलिन#उस्ताद
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