प्यार में आओ अपने मकरंद घोल दें।
इस जीवन को अपने मधुमास बोल दें।।
होंठ जो खोलें जब तो सरगम ही ढोल दें।
देखें जिस किसी को तो प्यार ही मोल दें।। एक दूसरे के हम हैं सदा ये भाव जोड़ दें। अपने बीच के परायेपन को आज तोड़ दें।।
जिंदगी को आओ अपनी नया मोड़ दें।
गिले शिकवे सारे हम अब तो छोड़ दें।।
वाणी और व्यवहार में एकरूपता को जोर दें। भीतर से हो शुद्ध भावना बस इस पर गौर दें।
@नलिन#तारकेश
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