हां ये सच तो है मैंने तुझसे प्यार किया है।
या खुदा तुझ पर हर हाल बड़ा एतबार किया है।।
कहते हैं लोग अक्सर देते हुए ताना मुझको। प्यार में तूने कैसा हाल ये यार किया है।।
मुझको कतई परवाह नहीं जो होगा देखा जायेगा।
तुझे रिझाने खातिर वैसे नख-शिख ये सिंगार किया है।।
तेरे-मेरे बीच की बातें क्यों भला जगजाहिर हों।
याद रखना भूल ना जाना हमने जो करार किया है।।
ये सही बात की जिस्म की कश्ती वहां जाती नहीं।
दरिया-ए-इश्क तो"उस्ताद" रूह से पार किया है।।
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