गरेबां में अपनी झांक देखो तो सही।
अपने को सही से आंक देखो तो सही।।
पहचान जाओगे फल की तासीर।
चख के एक फांक देखो तो सही।।
श्रद्धा-सबूरी जब भी होगी इबादत तेरी।
बनेगा काम हर बार तेरा देखो तो सही।।
गम और खुशी मिलते हैं सब यहीं।
कर सीना ए चाक देखो तो सही।।
हो अगर हौसला हिमालय से ऊंचा तेरा।
चांद-तारे छाती पर टांक देखो तो सही।।
हो ना थोड़ा अगर अगर दिल में मैल तेरे। कतरा-कतरा है पाक देखो तो सही।।
कभी बनना जो चाहो "उस्ताद"अगर।
बदन में मल के खाक देखो तो सही।।
@नलिन #उस्ताद
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