प्यार का चिराग जलाए जो घूम रहे हैं।
शहर में हर गली उनके कत्ल हो रहे हैं।।
यह कैसा माहौल बन रहा है दोस्तों।
दस्त ए पाक पर सब के बघनखे चमक रहे हैं।।
जिनको बैठाया तख्तो ताज पर बड़े प्यार से। वो तो दुश्मनों से बढ़कर दो हाथ हो रहे हैं।।
बता ये मेरे शहर को क्या हुआ अहले खुदा। क्यों लोग खून के प्यासे खुद हो रहे हैं।।
श्रद्धा-सबूरी से जब जीत सकते हो साईं का दिल।
"उस्ताद"आदमी से क्यों हम खौफजदा हो रहे हैं।।
@नलिन #उस्ताद
No comments:
Post a Comment