Sunday 29 October 2017

थोड़ा हंसो थोड़ा हंसाया करो

थोड़ा हंसो,थोड़ा हंसाया करो
जिन्दगी के गीत भी गाया करो।

रास्ते सपाट,उबड़खाबड़ कभी
हार कर न यूं हार जाया करो।

देखने चाॅद,सूरज,बादल,सितारे
छत पर कभी टहल आया करो।

कुछ तो होगी तुममें भी खासियत
सोचो नहीं बस डूब जाया करो।

हम आए थे जहां में रोते हुए
हर घड़ी ये न जताया करो।

फूल देखो खिल के,बिखर जाते
तुम भी महक छोड़ जाया करो।

तन्हा-तन्हा है हर"उस्ताद"यहाॅ
ख्वाब हर पलक सजाया करो।

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