- हर रूप,हर रंग,हर जर्रे में समाया तू है
- तेरी क्या बात करुँ तू तो बड़ा निराला है।
- ओ मेरे साईं सुन ले पुकार मेरी
- कभी तो आ बात करने ढेर सारी।
- व्यथा कथा मैं कहुँगा तुझसे अपनी
- सुनाना तू भी कथा कुछ नयी,पुरानी।
- वर्ना तो ये उमरिया बीत जाएगी सारी
- मेरी हमेशा सी रह जाएगी झोली खाली।
- आज मेरे साईं इतना अहसान अब कर दे
- मेरी चाहत को जरा अमली ज़ामा पहना दे।
- मेरी बेवक़ूफ़ीयों,गलतियों को देखेगा यदि
- तो फिर तो हैं वो तो अनगिनत ढेर सारी।
- तू तो बस मुझ पर कर किंचित कृपा दृष्टि
- बदल जाए जिससे मेरी ये दुनिया,ये सृष्टि।
- अब तो है बस तेरा भरोसा ही बाकी
- तू नहीं तो फिर कौन सुध ले हमारी।
- नाम की चर्चा तुम्हारी बहुत सुनी है भाई
- कर दे पूरी ज़रा मेरी भी फरियाद साईं।
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Wednesday 22 June 2016
हर रूप,हर रंग,हर जर्रे में समाया तू है
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