तुलसी महिमा अदभुत अति कहाँ बखानी जाए
जिस घर तुलसीजी विराजें राम दूत आ जाए।
प्रतिदिन हरि शीश तुलसीजी जो चढ़ाई जाए
विष्णु भक्ति प्रसाद स्वरुप वो सब कुछ पा जाए।
तुलसीजी के जल से जो हरि चरण पखारे जाएं
पंचामृत बन कर वो अपने सकल पाप-ताप मिटाएं।
जीवित रोज जो खाए इसको प्राण शक्ति बढ़ जाए
मुर्दे के मुंह रखने से तुलसी-दल परलोक बनाए।
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