साईं तेरे सब रंग हैं कितने अलहदा
पर सभी में कृपा का रंग मिला हुआ।
जिधर भी देखें हर तरफ तू है खड़ा हुआ
हर रूप,हर शै पर है जलवा खिला हुआ।
तेरी मर्ज़ी से ये सारी कायनात चल रही
मैं तो बस यहाँ पर एक छुद्र कण हुआ।
रौशन हों सबके घर श्रद्धा - विश्वाश से
प्यार का मसीहा तू जग विख्यात हुआ।
दोस्ती,मोहब्बत सिखाने सभी को
साईं रूप में तू धरा अवतरित हुआ।
पर सभी में कृपा का रंग मिला हुआ।
जिधर भी देखें हर तरफ तू है खड़ा हुआ
हर रूप,हर शै पर है जलवा खिला हुआ।
तेरी मर्ज़ी से ये सारी कायनात चल रही
मैं तो बस यहाँ पर एक छुद्र कण हुआ।
रौशन हों सबके घर श्रद्धा - विश्वाश से
प्यार का मसीहा तू जग विख्यात हुआ।
दोस्ती,मोहब्बत सिखाने सभी को
साईं रूप में तू धरा अवतरित हुआ।
No comments:
Post a Comment