राम -रमईया
नाच नचईया
ता -ता थईया
ता-ता थईया।
जिसको जैसा नाच नचाये
वैसा ही नाचे भईया।
राम -रमईया …
भेद तो अपना वो ही जाने
ऐसा नटखट बाल कन्हैया।
राम-रमईया …
कभी पकड़ कर अंग लगाये
छन में ओझल,मेरी दईया।
राम-रमईया …
आँख मिचौलि बस और नहीं अब
तुझको सौ है,पकडूं मैं पईयां।
राम -रमईया …
तेरी मोहक,बांकी चितवन पर
पल -पल में नित लेउँ बलैया।
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