नलिन नयन श्री राम आपके।
मधुकर हम सब बन तुम्हें नहारें।।
बंकिम छवि ,लटकत कुंडल रतनारे।
श्री प्रभा रूप मधुर प्रति अंग समाये।।
चिक्कन-कपोल,मधु-भीगे होंठ रसीले।
बंकिम छवि ,लटकत कुंडल रतनारे।
श्री प्रभा रूप मधुर प्रति अंग समाये।।
चिक्कन-कपोल,मधु-भीगे होंठ रसीले।
मिश्री-माखन से बोल अनमोल तिहारे।।
भक्तन हित धनुष -बाण सम्भाले।
ढूंढ-ढूंढ आप मारते अवगुण सारे।।
जग प्रसिद्ध,पतित उद्धारन,विरद आपके।
चरण-शरण नाथ दे शीघ्र हमें आप उबारिये।।
ख़ुशहाल हों जीव हम सभी विचारिये।
भक्ति पाएं आपकी बस यही तो चाहिये।।
ढूंढ-ढूंढ आप मारते अवगुण सारे।।
जग प्रसिद्ध,पतित उद्धारन,विरद आपके।
चरण-शरण नाथ दे शीघ्र हमें आप उबारिये।।
ख़ुशहाल हों जीव हम सभी विचारिये।
भक्ति पाएं आपकी बस यही तो चाहिये।।
@नलिन
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