कान्हा तो संग खेलूंगी होली,आज तो मैं जम के
बहुत भिगाया,तन-मन मेरा,अब दिखा तू बच के।
रंग अनूठे,पक्के सारे,मैं लायी हूँ,चुन -चुन के
देखूं कैसे जाता है तू ,अबकी मुझसे बच के।
नटवर-नागर,बड़ा खिलाडी,सब तुझको हैं माने
लेकिन मुझसे पड़ा है पाला,ये अबकी तू जाने।
नाच नचाऊँ,ता-ता थईय्या,रंग दूँ रंग में अपने
"नलिन"नैन निर्मल हो जाएँ,देखे तू मेरे ही सपने।
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