तेरी रजा ही मेरी अना है।
बाकी तो खुद पे क़ज़ा है।।
दुनियावी शहवत* को जीना।*भोग-विलास
सचमुच खुद में एक सज़ा है।।
पहलू में बैठना तेरा।
कारगर मेरी दवा है।।
जो कभी हुआ नहीं हमारा।
उसका भी क्या सोचना है।।
उसकी गली से गुजर के देख तो।
तय तेरा खुद को भूल जाना है।।
उसका दीदार अमावस में।
पूनम का चांद देखना है।।
निगाहों से "उस्ताद" बोलना।
बड़ी कातिलाना तेरी अदा है।।
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