Saturday 11 December 2021

महिमा राम नाम की

महिमा राम नाम की
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जिन्दगी कृपा संग संवरने लगी। 
राम नाम महिमा पता जो लगी।।
 
श्रृंगार की जरूरत अब नहीं रही।
जबसे लौ राम जी की लगने लगी।।

हर घड़ी हर सांस बस रटन ये लगी।
राम-राम जपते ही उम्र कटने लगी।।

जिधर देखूं बस वो ही मूरत न्यारी दिखी।
नलिन-नील सांवली छटा ही दिखने लगी।।

 दर्द,पीड़ा की बयार अब थम सारी गई।
 हर दिशा बस हवा अनुकूल बहने लगी।।

स्वपन नहीं हकीकत की ये बात है सही।
मंझधार मेरी ये नाव भी पार लगने लगी।।

@नलिनतारकेश

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