नींद आती नहीं ।
सुबह आती नहीं।
जिंदगी एक पहेली।
मुझसे सुलझती नहीं।।
जुबाॅ की गलतबयानी।
अब जरा सुलटती नहीं।
तेरी निगाहों की कशिश।
मुझसे तो भूलती नहीं।।
उलझी सी तेरी जुल्फें।
मुझसे तो संवरती नहीं।।
कैसे लिखूं मौज तेरी।
कलम मेरी चलती नहीं।।
करवटें बदलने से मगर।
मुराद पूरी होती नहीं।।
रात है और तन्हाई भी।
सो उम्र ये कटती नहीं।।
छलछलाती मय देख कर भी।
नियत मेरी डोलती नहीं।।
करवटें बदलने से मगर।
मुराद पूरी होती नहीं।।
"उस्ताद"गली के सिवा तेरी।
जान भी मेरी निकलती नहीं।।
@नलिन #तारकेश
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