साई तुझसे बड़ा मददगार मेरा कोई नहीं है। तेरे बिना कभी कोई काम मेरा बनता नहीं है।।
तेरी ही रहनुमाई से खिलखिलाता रहा हूं।
वरना तो यहां कोई मेरा हमदर्द नहीं है।।
जो तू करता है मेरे लिए वो ही मुफीद होगा। यही सोचकर तो किसी बात की मुझे फिक्र नहीं है।।
तेरी झोली से जब मिल जाता है खजाना सुकून का।
तभी तो हीरे मोती से पत्थर की दरकार नहीं है।।
नवा शीश कदमों में और लगा उदी माथे। दुनियावी किसी बात का मुझे खौफ नहीं है।।
हर तरफ बहुत ढूंढा जो मुझे खुद से मिला दे।
सच कहूं मिला"उस्ताद"तुझसा कोई नहीं है।।
@नलिन #उस्ताद
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