बिंदु से प्रारम्भ,सृजन का सिंधु
लहरों की तरह,उत्ताल रेखाओं से
रचता शब्दों का ऐसा समूह
जो माचिस की डिबिया में
लहरों की तरह,उत्ताल रेखाओं से
रचता शब्दों का ऐसा समूह
जो माचिस की डिबिया में
कई गज लम्बी साडी को
समेट लेता,बड़े ही प्यार सेतो कभी तल्ख़ तंज से
द्रौपदी के पल्लू की तरह
अपने अनंत विस्तार से
हतप्रभ कर,सोचने पर
विवश कर देता, दुःशासन को
और R (am) K अनुज अनुरूप
जन- सामान्य के हितार्थ
खीचने की सामर्थ्य रखता
चमकती,श्वेत,फौलाद सी
बारीक "लक्ष्मण -रेखा"
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