दीपावली की सभी को बहुत बहुत बधाई
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प्रकाश पर्व करे दूर जीवन से,अमावस के घोर-घने अंधेरे।
जगमग दीप ज्योत्सना नित्य बिखेरे,उर में उजाले अपने।।
आशा-विश्वास,उमंग कि हर श्वास बहती पुनीत त्रिवेणी रहे।
हों निर्मल,सहज-सरल,जिसमें मन-प्राण लगा डुबकी हमारे।।
विनय,विवेक युक्त श्री गणेश मन-मस्तिष्क की लगाम रहें थामें।
श्री लक्ष्मी उल्लासित हो फिर क्यों न त्वरित वेग घर-द्वार पधारें।
दिन में होली,रात दिवाली यूँ हंसते-गाते बीते जीवन हम सबके।
झूले में परस्पर अनुराग,प्रेम के आओ हम सब मिलकर झूलें।।
मनो-मालिन्य,कटुता,राग-द्वेष के द्वन्द्व-फंद अब सब छोड़ें।
गले लगा कर एक दूजे को,मानव-जन्म ये सफल बना लें।।
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