जाने क्यों दिल आज परेशान है।
हकीकत से दुनिया की हैरान है।।
जब तुझमें भी वही रब जो मुझमें बसा हुआ।
तो भटकता काहे अजनबी सा अनजान है।।
जिंदगी की तलखियाँ*सच कहें तो।*कड़ुवापन
तेरा-मेरा अक्सर लेती इम्तहान है।।
घर सजाने का ख्वाब तो है नेमत भरा।
तो खुद से बनाता क्यों तू तालिबान है।।
चाँद-सितारों को चूम रही जब सारी दुनिया।
ये किस जहालत* को"उस्ताद"तेरी उड़ान है।।*मूर्खता
@नलिन#उस्ताद
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