I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Wednesday 25 November 2015
मेरे मन बसे में हो तुम
मेरे मन बसे में हो तुम
मुझको पर दिखते नहीं हो तुम।
ऐसा क्यों हो रहा है
कहीं रूठ तो नहीं गए हो तुम।
अगर कहीं कुछ ऐसा है भी
तो भी कभी झलक दिखा दो तुम।
मैं बैचैन माया में लटपटाया पड़ा हूँ
फासलों को पाट गले लगा लो तुम।
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