दिल में मुझे अपने बसा ले तू
मेरे दिल में या कुटिया छवा ले तू।
जिधर भी कदम चलें मेरे उधर चले तू
मेरे पावों को या अपनी मंजिल बना ले तू।
हर शख़्स में अपना दीदार करा दे तू
मेरे अक्स में या अपना रूप दिखा दे तू।
हर हंसी,हर गम,हर ज़ज्बात में समाया है तू
इस बात के अहसास की लियाकत दिला दे तू।
ए खुदा!मुझे अपना बना के मशहूर कर दे तू
तेरे लिए सब भुला दूँ या ये कूवत दिला दे तू।
मेरे दिल में या कुटिया छवा ले तू।
जिधर भी कदम चलें मेरे उधर चले तू
मेरे पावों को या अपनी मंजिल बना ले तू।
हर शख़्स में अपना दीदार करा दे तू
मेरे अक्स में या अपना रूप दिखा दे तू।
हर हंसी,हर गम,हर ज़ज्बात में समाया है तू
इस बात के अहसास की लियाकत दिला दे तू।
ए खुदा!मुझे अपना बना के मशहूर कर दे तू
तेरे लिए सब भुला दूँ या ये कूवत दिला दे तू।
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