तन-मन धन से बेपरवाह देश की करते हो तुम रखवाली।
तुम्हारे इसी जज्बे से महफ़हूज हमारी हर होली-दीवाली।।
खुद के घर मने या न मने ईद या नानक जयंती।
तुमने तो कसम खाई शत्रु मुक्त रहे देश की धरती।।
जाड़ा,गर्मी,बरसात या हो विपदाएं असंख्य,अनोखी।
रहा तुम्हारा सदा ही एक लक्ष्य,राष्ट्र रहे सदा सुखी।।
माँ-बाप,भाई-बहन,पत्नी सुख की दी तुमने कुर्बानी।
हम सब चिर ऋणी तुम्हारे,ओ भारत वीर सेनानी।।
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