जहाँ -जहाँ पहुंचा पैकेट का दिव्य महाभोग
खिलखिलाए सभी वो,त्रस्त रहे बचे लोग।
मिशन पैकेट तो हुआ कामयाब पुरजोर
अब करें क्या लाचार,खूब मचा कर शोर।
अभी जीत हो जैसे-तैसे,यह सरकार की सोच
बाकी जवाबदेही का,कहाँ है कलियुग मोल।
जनता की तो हालत पस्त है,पिस रही वो बेमौत
चैन की बंसी बजा रहे पर,सत्ता के भूखे लोग।