फिर चाहे उदास हूँ या हो परेशानी
समझ में नहीं आता ये कैसी अदा तुम्हारी
एक क्षण में जो भुला दे दुनिया सारी
चलता है बस मोहक चितवन का असर तुम्हारी
मैं तब मैं नहीं रहता हो जाता हूँ संपत्ति तुम्हारी
तभी तो खिल उठती है पोर-पोर मेरी
जो जादू नहीं, बस तुमसे जुड़ने की बात सारी।
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